पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल रेल मंडल में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक डॉ. मधु शर्मा न केवल रेलवे की जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही हैं, बल्कि समाज सेवा में भी समर्पित योगदान दे रही हैं। बीते 25 वर्षों से वे गरीब और वंचित बच्चों की शिक्षा एवं समग्र विकास के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।
उनकी इन्हीं सेवाओं के लिए अप्रैल 2025 में इटली की "कोनिया यूनिवर्सिटी" उन्हें डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से सम्मानित करने जा रही है।
रेल सेवा के साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय
डॉ. मधु शर्मा सप्ताह के सोमवार से शुक्रवार तक रेलवे की सेवा करती हैं, जबकि शनिवार को सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रेरक भाषण और जीवन कौशल की शिक्षा देती हैं। इसके अलावा, हर रविवार को झुग्गी-बस्तियों में जाकर बच्चों को चॉकलेट वितरित करने और प्रेरणादायक कहानियां सुनाने का कार्य करती हैं, जिससे बच्चे उन्हें स्नेह पूर्वक "संडे वाली दीदी" कहकर बुलाते हैं।
इसके अतिरिक्त, महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रही हैं। वे नियमित रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन निशुल्क सत्रों का आयोजन कर महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने का कार्य करती हैं।
दृष्टिबाधित बच्चों के लिए विशेष योगदान
डॉ. शर्मा दृष्टिबाधित बच्चों की शिक्षा के लिए स्वयं पाठ्य-सामग्री रिकॉर्ड करती हैं, ताकि वे आसानी से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। साथ ही, वे बच्चों को मोबाइल और नशे की लत से दूर करने के लिए खेलों और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का कार्य भी कर रही हैं।
सम्मान और उपलब्धियां
उनके असाधारण योगदान को कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
सैकड़ों बच्चों का जीवन बदल चुकी हैं डॉ. मधु शर्मा
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि डॉ. मधु शर्मा की समाज के प्रति समर्पण भावना से भोपाल रेल मंडल गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वे बीते 12 वर्षों से भोपाल और उससे पहले 13 वर्षों तक शाजापुर में सैकड़ों गरीब और वंचित बच्चों के जीवन में बदलाव ला चुकी हैं।
डॉ. मधु शर्मा ने यह साबित किया है कि कर्तव्य और समाजसेवा को एक साथ निभाया जा सकता है। उनके प्रयासों से हजारों जिंदगियों में उजाला आया है, जो समाज के लिए प्रेरणा है।